ह्रास (Depreciation) के कारण क्या है ?

ह्रास (Depreciation) के मुख्य कारण निम्नलिखित है :

  • सम्पत्तियों के प्रयोग के कारण उनमें टूट-फूट होती है, घिसावट होती है और वे पुरानी एवं कमजोर हो जाती हैं। फलतः उनके मूल्य में कमी आ जाती है।

  • कुछ सम्पत्तियाँ ऐसी होती है जिनका काल निश्चित होता है। अतः जैसे-जैसे समय व्यतीत होता है, इनके मूल्य में कमी होती जाती है। ऐसे सम्पत्तियों के मूल्य में कमी को समय बीतने पर ह्रास कहते है।

  • कभी-कभी नए आविष्कार के कारण पुरानी सम्पत्ति के बेकार न होने के बावजूद उसके मूल्य में कमी आ जाती है। इस हानि को अप्रचलन से ह्रास कहते हैं।

  • कुछ सम्पत्तियाँ नाशवान प्रकृति की होती है, जैसे - खनिज खदानें, जंगल, तेल के कुँए आदि अर्थात प्राकृतिक सम्पदाएँ। ऐसी सम्पत्तियों में से जैसे-जैसे सामग्री निकाली जाती है, वैसे-वैसे इनके भण्डार में कमी होती जाती है। भण्डार के खाली होने के इस कर्म को को रिक्तीकरण कहते हैं। इस प्रकार रिक्तीकरण ह्रास का एक कारण है।

  • कभी-कभी सम्पत्ति के बाजार मूल्य में गिरावट आ जाती है। इस प्रकार मूल्य में कमी को ह्रास माना जाता।