लेखांकन में लेखांकन के विभिन्न कदम (Steps) क्या है ?

लेखांकन के निम्नलिखित कदम (Steps) है :

  1. आर्थिक घटनाएॅ :- व्यावसायिक संगठनों का सम्बन्ध आर्थिक/वित्तीय घटनाओं से होता है, जिन्हें मुद्रा के रूप में मापा जा सकता है। माल का क्रय, मशीनरी का क्रय, वस्तुओं एवं सेवाओं की बिक्री, इत्यादि आर्थिक घटनाएॅ है।

  2. व्यावसायिक लेन-देनों की पहचान करना :- इसका अभिप्राय यह निर्धारित करना है कि किन लेन-देनों का लेखा किया जाए अर्थात उन घटनाओ की पहचान करना जिनका अभिलेखन किया जाना है।

  3. लेन-देनों का मापन :- लेखा पुस्तकों में उन्हीं लेन-देनों का अभिलेखन किया जाता है, जिनका मूल्यांकन मुद्रा के रूप में सम्भव है। उदाहरण के लिए, माल की आपूर्ति हेतु आदेश देना, कर्मचारियों की नियुक्ति महत्वपूर्ण घटनाएॅ है, पर इनका लेखा नहीं किया जाता है, क्योंकि ये मुद्रा के रूप में मापनीय नहीं है।

  4. अभिलेखन :- लेखा-पुस्तकों में वित्तीय स्वभाव के लेन-देनों का लेखा तिथिवार नियमानुसार किया जाता है। अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है कि परम्परा के अनुसार इनका सारांश तैयार किया जा सके।

  5. सम्प्रेषण :- लेखांकन सूचनाओं का उपयोग विभिन्न प्रकार के लोग व संगठन करते है। अतः लेन-देनों का अभिलेखन इस प्रकार किया जाता है एवं सारांश इस प्रकार तैयार किया जाता है कि लेखांकन सूचनाएॅ आन्तरिक एवं बाहय उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी हो सकें। लेखांकन सूचना लेखा प्रलेखों के माध्यम से नियमित रूप से सम्प्रेषित की जाती है।

  6. संगठन :- संगठन से अभिप्राय किसी व्यावसायिक उ़द्यम से है, जिसका उददेश्य लाभ कमाना है या लाभ कमाना नही है।

  7. सूचना में अभिरूचि रखने वाले उपयोगकर्ता :- लेखांकन सूचना के आधार पर विभिन्न उपयोगकर्ता निर्णय लेते है। सूचनाओं के उपयोगकर्ताओं में निवेशक, लेनदार, बैक, वित्तीय संस्थाएॅ, प्रबन्धक, कर्मचारी आदि उल्लेखनीय है।