खाता-बही व्यवसाय व व्यापारी की प्रधान बही (Principal Book) है जिसमें व्यापार में होने वाले लेन-देनों का संक्षिप्त व वर्गीकृत लेखा किया जाता है।
इसमें प्रत्येक पक्ष से संबन्धित एक निश्चित समय लेन-देन एक ही स्थान पर लिखे जाते हैं जिसे उस पक्ष का खाता कहते हैं।
ऐसा करने का उद्देश्य एक निश्चित समय में एक खाते से संबंधित लेन-देनों की स्थिति की जानकारी प्राप्त करना है।
खाता-बही में समस्त व्यक्तिगत, वास्तविक एवं अवास्तविक खाते रखे जाते हैं। साधारणतया, खाता बही रजिस्टर के रूप में होती है। इसके प्रत्येक पृष्ठ पर पृष्ठ संख्या अंकित होती है।
तो इस तरह रोजनामचा और सहायक बहियों में लेन-देनों की प्रविष्टियाँ करने के बाद उनका वर्गीकरण किया जाता है। यह वर्गीकरण खाता-बही में होता है ।