जो आमदनी प्राप्त होना बाकी होता है उसे Accrued Income (उपार्जित आय ) कहा जाता है।
विनियोग अथवा बैंक में जमा धन पर एक निश्चित दर से ब्याज प्राप्त होता है। यह ब्याज व्यावसायिक संस्था के लिए आय है। ऐसी आय जो अंतिम खाते बनाने के समय तक अर्जित तो कर ली गयी है, देय भी है परन्तु प्राप्त नहीं हुई है तो ऐसी ही आय को उपार्जित आय कहा जाता है।
Accrued Income (उपार्जित आय ) का दूसरा नाम :
समायोजन लेखा :- इसे आमदनी में जोड़ दिया जाता है और Balance Sheet के Current Assets में लिखा जाता है ।