Cash Book और Bass Book क्या है ?

Bank एवं व्यवसायी के बीच में होने वाले लेनदेनों को व्यवसायी के द्वारा जिस वही में लिखा जाता है उसे Cash Book कहा जाता है।

Bank एवं व्यवसायी के बीच होने वाले लेनदेनों को बैंक के द्वारा जिस वही में लिखा जाता है उसे कहा जाता है।

व्यवसायी जब भी बैंक में रुपया एवं चैक जमा करता है तो वह अपने Cash Book में Debit Side लिख लेता है और जब भी रकम का निकासी करता है तो वह अपने Cash Book में Credit Side लिख लेता है।

Cash Book में Debit Side अधिक होने पर समझा जाता है कि में रुपया जमा है परन्तु इसके विपरीत Credit Side अधिक होने पर समझा जाता है कि Bank में कुछ भी जमा नहीं है। उलटे Bank का ही व्यवसायी के ऊपर वकाया है अर्थात अधिनिकसी हो गया है।

इसे हम ऐसे भी कह सकते है कि Cash Book का Debit Balance जमा (Deposit) को दर्शाता है तथा Credit Balance अधिनिकसी (Overdraft) को दर्शाता है।

उधर बैंक के द्वारा Pass Book में Credit Side व्यवसायी के द्वारा जमा किए गए राशि को दिखाया जाता है और Debit तरफ निकासी किए गए राशि को दिखाया जाता है।

Pass Book में Credit तरफ अधिक होने पर समझा जाता है कि व्यवसायी का Bank में रुपया जमा है और Debit Side अधिक होने पर समझा जाता है कि व्यवसायी का बैंक में कुछ भी नहीं बचा है। उलटे Bank का ही व्यवसायी के ऊपर वकाया है।

इसे हम ऐसे भी कह सकते हैं कि Pass Book का Credit Balance जमा (Deposit) को दर्शाता है तथा Debit Balance अधिनिकसी (Overdraft) को दर्शाता है।

Cash Book और Pass Book को मिलाकर देखा जाय तो दोनों वहियों में एक ही तरह की बात नजर आता है।

फर्क सिर्फ इतना लगता है कि जिस लेन-देन को Cash Book में Debit तरफ लिखा जाता है उसे Pass Book में Credit तरफ लिखा जाता है और जिस लेन-देन को Cash Book में Credit Side लिखा जाता है उसे Pass Book में Debit Side लिखा जाता है।

Cash Book का Debit Balance और Pass Book का Credit Balance दोनों जमा शेष को दर्शाता है ।

इसी प्रकार Cash Book का Credit Balance और Pass Book का Debit Balance दोनों अधिनिकसी को दर्शाता हैं।