तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच करना है।
साधारणतया तलपट के दोनों पक्षों के जोड़ मिल जाते हैं तो यह समझा जाता है कि दोनों पहलुओं का लेखा पूर्ण है और कोई अंकगणितीय अशुद्धि नहीं है।
तलपट के मिलने से केवल गणित संबंधी शुद्धि का ही ज्ञान हो सकता है, उसे खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है।
अनेकबार ऐसा देखा गया है कि तलपट तो मिला हुआ है किन्तु बहियों में त्रुटियां हैं।
तो इस तरह कुछ अशुद्धियाँ ऐसी होती हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं। और इसलिए हम कह सकते हैं कि तलपट का मिलान खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं है।