बट्टा को छूट, कटौती या अपहार भी कहते हैं। बट्टा दो प्रकार का होता है।
व्यापारी बट्टा (Tdare Discount) :- सामान्यतः बट्टा या कटौती से व्यापारिक बट्टा का ही बोध होता है। जब निर्माता अपने ग्राहक को अंकित मूल्य अथवा विक्रय मूल्य पर एक निश्चत दर से कटौती देता है तो उस छूट या कटौती को व्यापारिक बट्टा कहा जाता है।
व्यापारिक बट्टे का पुस्तकों में लेखा नहीं किया जाता हैं।नकद बट्टा (Cash Discount) :- ग्राहकों से तुरंत अथवा एक निश्चित अवधि के अंदर नकद भुगतान प्राप्त करने के उद्देश्य से जो छूट दी जाती है उसे नकद बट्टा या रोकड़ बट्टा कहते हैं।
नकद बट्टा का लेखा पुस्तकों में अवश्य किया जाता है। बट्टा दिए जाने पर Discount A/c को डेबिट किया जाता है और बट्टा प्राप्त होने पर Discount A/c को क्रेडिट किया जाता है।