Cash Book कैसे बनाया जाता है ?
Cash Book बनाने के कुछ नियम इस प्रकार है :
- रोकड़ बही के दोनों पक्षों - डेबिट और क्रेडिट - में एकसमान खाने होते है तथा दोनों पक्षों में पांच खाने होते हैं।
- तिथि वाले खाने में सबसे पहले वर्ष व महीना लिखा जाता है। फिर नकद प्राप्तियों/भुगतानों की तिथि लिखी जाती है।
- डेबिट पक्ष के विवरण खाने में उन खातों के नाम लिखे जाते हैं जिनके संबंध में नकद भुगतान प्राप्त हुए हैं। क्रेडिट पक्ष के विवरण खाने में उन खातों के नाम लिखे जाते हैं जिनके संबंध में नकद भुगतान या खर्चे किए गए हैं। नाम पक्ष में To और जमा पक्ष में By शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- प्रमाणक संख्या वाले खाने में उन रसीदों की संख्या लिखी जाती है जो प्राप्तियों तथा भुगतानों से संबंधित होती हैं।
- खाता-बही संख्या वाले खाने में खाता- बही की उस पृष्ठ संख्या को लिखा जाता है जिसमें राशि की खतौनी की गई है।
- राशि वाले खाने में लेन-देन की राशि लिखी जाती है।
Notes :
रोकड़ बही के डेबिट पक्ष का योग क्रेडिट पक्ष के योग से हमेशा अधिक होता है, वह कभी भी कम नहीं हो सकता है। इसका कारण यह है कि भुगतान तभी किया जाएगा जबकि व्यवसाय में पैसे हों।