किसी सम्पत्ति के मूल्य में किसी भी कारण से होने वाली धीरे-धीरे स्थायी कमी को ह्रास कहते हैं।
वस्तुतः मूल्य में ह्रास कई कमी से होती हैं जैसे - टूट-फूट, समय का व्यतीत होना, अप्रचलन, दुर्घटना आदि।
सामान्य बोलचाल की भाषा में मूल्य ह्रास का अभिप्राय मूल्य में कमी से लगाया जाता है परन्तु इसे लेखांकन की दृष्टि से देखा जाय तो इसका अर्थ स्थायी स्थायी सम्पत्ति के पुस्तकीय मूल्य में कमी से है।