ह्रास लेखांकन, लेखांकन की वह पद्धति है जो स्थायी/दृश्य सम्पत्तियों की लागत घटाव अवशिष्ट मूल्य, यदि कोई हो, को उसके उपयोगी जीवन काल में क्रमबद्ध एवं विवेकपूर्ण रीति से बाँटने का उद्देश्य रखती है।
इस प्रकार ह्रास लेखांकन का संबंध ह्रास की कुल राशि को सम्पत्ति के उपयोगी जीवन काल में बाँटने से है। पुनः ह्रास काटने से उपक्रम में मूल निवेश का रख-रखाव सुनिश्चित होता है।
यह स्वयं हो ऐसी सम्पत्तियों के पुनर्स्थापन के लिए कोष या रोकड़ उपलब्ध नहीं कराता है।