लेखांकन में हुए गलतियों के ठीक करने के क्रिया को Rectification Of Errors कहा जाता है।
व्यापर को सही स्थिति प्रकट करने के लिए आवश्यक है कि त्रुटियाँ का पता लगाया जाय और सुधार हेतु आवश्यक लेखे किये जायें। इसी क्रिया को अशुद्धियों या त्रुटियों का सुधार कहा जाता है।