जी बाजार (कैपिटल मार्केट) में निवेश करने के कई तरीके हैं, जैसे-- शेयर, बांड्स, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड या निवेश की अन्य प्रतिभूतियाँ (सिक्यूरिटीज) इत्यादि।
प्रत्येक प्रकार के निवेश की कुछ विशेषताएँ, लाभ तथा उद्देश्य व कारण होते हैं।
निवेश के इन विभिन्न तरीकों में शेयर द्वारा शेयर बाजार में किया गया निवेश सर्वाधिक लोकप्रिय व आम है । शेयर का हिंदी में अनुवाद करें तो इसका अर्थ होता है---बाँटना। वास्तव में यह प्रक्रिया बाँटने की ही है।
दरअसल शेयर किसी कंपनी में आंशिक भागीदारी (स्वामित्व) प्राप्त करने का तरीका है।
किसी कंपनी के शेयर खरीदने का तात्पर्य है कि व्यक्ति उस कंपनी का आंशिक हिस्सेदार बन रहा है। इस प्रकार के निवेश में कंपनी की हिस्सेदारी से जुड़े फायदे हैं तो कंपनी के व्यापार से जुड़े खतरे भी शामिल होते हैं ।
शेयर (Share) को स्वामित्व की एक इकाई के रूप में संदर्भित किया जाता है जो कंपनी की पूंजी के बराबर अनुपात का प्रतिनिधित्व करता है। एक शेयर शेयरधारकों को कंपनी के लाभ और हानि पर एक समान दावे का हक देता है।
कंपनी के शेयर खरीदना तथा बेचना निवेश की गतिविधियाँ हैं।
वह निवेशक, जो किसी कंपनी का शेयर खरीद लेता है, तब वह उस कंपनी का ' शेयर होल्डर ' कहलाता है ।
दूसरे शब्दों में, शेयर की खरीदारी को 'इक्विटी की खरीदारी ' भी कहा जाता है तथा शेयर होल्डर को इक्विटी होल्डर या इक्विटी शेयर होल्डर भी कहा जाता है ।
तो यदि आप शेयर की जगह 'इक्विटी ' व स्क्रिप्स' शब्द सुनें तो भ्रमित होने की जरूरत नहीं है; क्योंकि तीनों का अर्थ एक ही है शेयर को हमेशा कंपनी के साथ जोड़कर समझा जाना चाहिए।