शेयरों का संचालन कैसे होता ?

बैलेंस शीट में शेयर

विभिन प्रकार के शेयरों की चर्चा के साथ यह समझना आवश्यक है कि वास्तव में ये किस प्रकार संचालित ( ऑपरेट) होते हैं। यदि किसी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट उठाकर देखें तो शेयर से जुड़े कई शब्द (टर्म) दिखाई देंगे। आइए, इन शब्दों को समझने की कोशिश करते हैं।

शेयर कैपिटल (Share Capital)

बैलेंस शीट में इक्विटी शेयर देनदारीवाले कॉलम में दर्ज होते हैं, क्योंकि यह राशि कंपनी पर शेयरधारकों को देनदारी है, नियमत: कंपनी बंद होने की स्थिति में यह राशि शेयरधारकों को चुकता को जानी चहिए। चूँकि यह राशि आय अथवा खर्च का हिस्सा नहीं है, अत: इसे हानि अथवा लाभ के खाते में नहीं दरशाया जाता, बल्कि देनदारी खाते में 'शेयर कैपिटल ' के नाम से दर्ज किया जाता है।

ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल (Authorized Share Capital)

बैलेंस शीट में शेयर से जुड़ा एक और नाम होता है---ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल ( आधिकारिक शेयर पूँजी)। यह कंपनी की कुल पूँजी का वह अधिकतम हिस्सा है, जो कंपनी शेयर जारी करके अर्जित कर सकती है। इसकी सीमा पूरी होने पर कंपनी और अधिक शेयर जारी नहीं कर सकती, जब तक कि उसकी सीमा में वृद्धि नहीं की जाए। कंपनी के मेमोरेंडम में कंपनी के उद्देश्यों के साथ ही उस कंपनी की ऑथराइज्ड कैपिटल पहले से तय की गई होती है।

दूसरा महत्त्वपूर्ण बिंदु है कि शेयर की फेस वेल्यू (मौलिक कीमत) कितनी है। शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपए, 5 रुपए, 2 रुपए या रुपए हो सकती है। इसके बाद इश्यूड शेयर कैपिटल आता है, अर्थात्‌ बैलेंस शीट बनाते समय तक कंपनी कितने शेयर जारी कर चुकी है। ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल तथा इश्यूड शेयर कैपिटल का अंतर यह दर्शाता है कि कंपनी मेमोरेंडम के तहत और कितने शेयर जारी कर सकती है। ज्यादातर मामलों में इश्यूड शेयर कैपिटल कम रखा जाता है, क्योंकि कंपनी एक बार में ही अपनी पूरी सीमा (ऑधथराइज्ड शेयर कैपिटल) को खत्म नहीं करना चाहती। इसलिए कुछ भाग ही उपयोग में लिया जाता है। कंपनी की बैलेंस शीट में इन आँकड़ों के अलावा पिछले वर्ष के आँकड़े भी कोष्ठक में रहते हैं। इससे यह अनुमान लगाने में आसानी रहती है कि गत एक वर्ष में कितना परिवर्तन आया।

सबस्क्राइब्ड कैपिटल (Subscribed Capital)

इश्यूड शेयर का वह भाग, जो निवेशक द्वारा लिया जाता है या सबस्क्राइब्ड किया जाता है, सबस्क्राइब्ड कैपिटल कहलाता है। जब इश्यू किए गए सभी शेयर निवेशकों द्वारा ले लिये जाते हैं, तब इश्यू व सबस्क्राइब्ड कैपिटल समान होंगे। इससे शेयरों की कुल संख्या का अनुमान होता है कि कितने शेयर इश्यू किए गए और निवेशकों ने कितने लिये। शेयर कैपिटल का अंतिम स्वरूप पैडअप शेयर कैपिटल होता है। अर्थात्‌ जारी किए गए शेयरों के तहत बैलेंस शीट बनाते समय तक कंपनी को कितनी शेयर कैपिटल मिल चुकी है।

बोनस व राइट शेयर (Bonus and Right Share)

बैलेंस शीट में कंपनी द्वारा जारी किए गए बोनस शेयरों कौ संख्या का उल्लेख होता है। इससे यह पता चलता है कि कंपनी के शेयर कैपिटल में कितना हिस्सा शेयर बेचकर अर्जित किया गया है तथा कितना हिस्सा निवेशकों को बोनस शेयर जारी करके शेयर कैपिटल में शामिल किया गया है। बोनस शेयर शेयरधारकों को मुफ्त में जारी किए जाते हैं।