अब यदि अपने चारों ओर लोगों के मुँह से शेयर बाजार से पैसे को दो गुना-तीन गुना बनाने को कहानियाँ सुनकर आप भी शेयर बाजार में धन लगाना चाहते हैं तो ठहर जाइए; क्योंकि इस तरह आस-पास से जुटाई गई, पढ़ी गई सूचनाओं व दोस्तों के कहे अनुसार यदि आपने तुरंत अपना डी-मैट अकाउंट खुलवाकर शेयर खरीद लिये या आई.पी.ओ. में पैसे लगा बैठे तो हो सकता है कि आपको अपने लगाए हुए पैसे का एक-चौथाई ही वापस मिले और आप हताशा में अपने दैनिक काम-काज से भी हाथ धो बेैठें !
ऐसा कहकर न तो हम शेयर बाजार के प्रति आपके मोह को कम करना चाहते हैं और न ही उसे हौआ बनाकर आपको डरा रहे हैं ।
मुख्य बात यह है कि हर वह निवेशक (इनवेस्टर), जो शेयर बाजार में निवेश कर भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था में भागीदार होना चाहता है, वह पूरी तरह जागरूक हो।
उसे न सिर्फ शेयर मार्केट से पैसे को दोगुना कैसे किया जाता है, इसका तकनीकी व आधारभूत ज्ञान हो, अपितु वह शेयर बाजार के जोखिम से भी पूरी तरह अवगत हो; क्योंकि आज का भारतीय बाजार अब सट्टा बाजार नहीं है। यहाँ सभी चीजें वैज्ञानिक तरीकों से पूरी होती हैं, भले ही वह प्राथमिक बाजार हो या द्वितीयक बाजार।
कंपनी के प्राइमरी मार्केट के द्वारा पैसे उगाहने से लेकर सूचीबद्ध होने के बाद शेयरों को सेकंडरी मार्केट में खरीद-बिक्री की पूरी प्रक्रिया स्टॉक एक्सचेंज के नियम व कानून के तहत संचालित होती है। सरकारी एजेंसी 'सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ' (सेबी) को निगरानी में सभी एक्सचेंज कार्य करते हैं। इसलिए यदि आप शेयर बाजार की कार्य- प्रणाली को पूरी तरह समझकर अपना पैसा लगाएँगे तो यह तय है कि आप पैसा गँवाएँ तो नहीं। यदि इस ज्ञान के साथ आप अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करेंगे तो शेयर बाजार से कमाना भी मुश्किल नहीं होगा।
तो यदि आप मन बना चुके हैं कि आपको शेयर बाजार में निवेश करना है तो सबसे पहले आपको अपना डी-मैट अकाउंट खुलवाना होगा; क्योंकि अब बिना डी-मैट अकाउंट के आप शेयरों का लेन-देन नहीं कर सकते हैं। पहले फिजिकल शेयर स्टॉक सर्टिफिकेट के रूप में निवेशकों के पास होते थे; लेकिन अब न सिर्फ शेयरों का लेन-देन डी -मैट शेयर के रूप में हो गया है, बल्कि जिन निवेशकों के पास पुराने शेयर सर्टिफिकेट के रूप में पड़े हैं, उन्हें भी सेबी ने निर्देश दिया है कि वे जल्द-से-जल्द इन शैयरों को डीमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में बदल लें।
वे लोग, जो शेयर बाजार में प्रवेश करना चाहते हैं, और वे जिनके पास पुराने शेयर सर्टिफिकेट फिजीकल फॉर्म में पड़े हैं, दोनों ही तरह के निवेशकों के लिए सबसे पहले डी-मैट अकाउंट खुलवाना अति-महत्त्वपूर्ण कार्य है।