उदारीकरण का व्यवसाय तथा उद्योग पर क्या प्रभाव (Impact) पड़ता है ?
उदारीकरण के व्यवसाय तथा उद्योग पर निम्नलिखित कुछ प्रमुख प्रभाव पड़ा है :
- टेक्नोलॉजी आयात से मुक्ति :- उदारीकरण नीति के अंतगर्त उच्चतम प्राथमिकता वाले उद्योगों को विदेशों से टेक्नोलॉजी का आयात करने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
- उद्योगों के विस्तार की स्वतन्त्रता :- उदारीकरण नीति के अंतगर्त विद्यमान उद्योगों को विस्तार के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।
- औद्योगिक लाइसेंसिंग तथा पंजीकरण की समाप्ति :- उदारीकरण नीति के अंतगर्त उद्योगों के पंजीकरण की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है। जिसके वजह से 6 उद्योगों को छोड़कर शेष सभी उद्योगों को लाइसेंसिंग से मुक्त कर दिया गया है।
ये उद्योग हैं :-
- रक्षा उपकरण
- शराब
- औद्योगिक विस्फोटक
- सिगरेट
- खतरनाक रसायन
- औषधियाँ
- लघु उद्योगों की निवेश सीमा में वृद्धि :- लघु उद्योगों की निवेश सीमा 1 करोड़ कर दी गई है तथा अति लघु उद्योगों की निवेश सीमा बढ़ाकर 25 लाख रु. कर दी गई है।
- पूंजीगत माल के आयात की स्वतन्त्रता :- उदारीकरण नीति के अंतगर्त विद्यमान उद्योगों को विदेशों से पूंजीगत माल आयात करने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।