थकान अध्ययन (Fatigue Study) क्या है ?

श्रमिक उत्पादन का एक सक्रिय साधन है। निरंतर काम करने से एक समय के पश्चात वह थकान अनुभव करने लगता है। इस थकान का उसकी कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अर्थात वह गिर जाती है। थकान अध्ययन का उद्देश्य थकान होने के कारणों का पता लगाना एवं उसे दूर करने के उपाय करना है।

इस संबंध में टेलर ने प्रत्येक क्रिया का विस्तृत अध्ययन करके यह पता लगाया कि थकान कब, क्यों और कैसे होती है तथा उसे किस प्रकार सुधारा जा सकता है।

उचित प्रयोग करने के पश्चात टेलर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि थकान को दो प्रकार से कम किया जा सकता है - एक तो कार्य के बीच में आराम का समय देकर और दूसरे कार्य की उचित मात्रा निश्चित करके। श्रमिक भी इससे स्फूर्ति का अनुभव करता है।