नियोजन के उद्देश्य क्या है ?

  1. नियोजन के माध्यम से संस्था की भावी गतिविधियों में अनिश्चितता के स्थान पर निश्चितता लाने का प्रयास किया जाता है।


  2. नियोजन द्वारा किसी कार्य विशेष की भावी रुपरेखा बनाकर उसे एक ऐसी विशेष दिशा प्रदान करने का प्रयत्न किया जाता है जोकि इसके आभाव में लगभग असम्भव प्रतीत होती है।


  3. नियोजन द्वारा उपक्रम की विभिन्न गतिविधियों में साम्य एवं समन्वय स्थापित किया जाता है।


  4. उपक्रम की भावी गतिविधियों की योजना के बन जाने से प्रबंध का ध्यान उसे कार्यान्वित करने की ओर केंद्रित हो जाता है, जिसके फलस्वरूप क्रियाओं में अपव्यय के स्थान पर मितव्ययता आती है।


  5. पूर्वानुमान नियोजन का सार है। नियोजन का उद्देश्य भविष्य के संबंध में पूर्वानुमान लगाना है।


  6. नियोजन का एक महत्वपूर्ण उदेश्य निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्न करते रहना है।


  7. नियोजन का एक मूलभूत उद्देश्य उपक्रम की कुशलता में वृद्धि करना है।


  8. नियोजन उपक्रम की भावी जोखिम एवं संभावनाओं को परखता है एवं भावी जोखिम में कमी लाता है।


  9. नियोजन का अंतिम उदेश्य स्वस्थ मोर्चाबन्दी को विकसित करना है।