नियोजन के प्रकार क्या है ?

नियोजन के मुख्य प्रकार निम्नलिखित है :

समय के आधार पर योजनाओं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है :-

  • अल्पकालीन योजना (Shortern Plan) :-
    अल्पकालीन योजना से आशय छोटी अवधि के लिए बनाई गई योजना से है। इन अल्पकालीन योजनाओं में तत्कालीन समस्याओं के निवारण पर अधिक बल दिया जाता है।
  • दीर्घकालीन योजना (Long Plan) :-
    दीर्घकालीन योजना से आशय लम्बे समय के लिए बनाई गई योजना से है। एक उपक्रम का जीवन बहुत लम्बा होता हैं और कुछ उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को थोड़ी अवधि में प्राप्त करना भी सम्भव नहीं है। अतः इनकों प्राप्त करने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की जाती हैं।

प्रबंध के स्तर के आधार पर योजनाओं को निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित किया गया है :-

  • उच्चस्तरीय योजना :- यह योजना उच्च प्रबंधकों द्वारा तैयार की जाती है और इसके अंदर सम्पूर्ण उपक्रम की सामान्य नीति, उद्देश्य, लक्ष्य बजार आदि तैयार किये जाते हैं।
  • मध्यस्तरीय योजना :- यह मध्यस्तरीय प्रबंधकों द्वारा तैयार की जाती है। ये योजनाएं युक्तियों के रूप में तैयार की जाती हैं जिनकी द्वारा उपक्रम के उदेश्यों एवं लक्ष्यों की पूर्ति करना सम्भव होता है।
  • निम्नस्तरीय योजना :- यह योजना पर्यवेक्षकों द्वारा तैयार की जाती है तथा उपक्रम के कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली क्रियाओं से संबंध रखती है।

उपयोग के आधार पर योजनाओं को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है :-

  • स्थायी अथवा बार-बार उपयोग की योजनाएं (Standing or Repeated Use Plans) :- भिन्न-भिन्न स्तरों पर कार्य करने वाले अधिकारीयों के मार्गदर्शन हेतु स्थायी रूप से तथा बार-बार काम में लाने के लिए इन्हें तैयार किया जाता है।
  • एकल उपयोग योजनाएं (Single Use Plans) :-
    एकल उपयोग योजनाएं किसी विशेष परिस्थिति का समाधान करने हेतु तत्कालीन उपयोग के लिए बनाई जाती हैं। जैसे ही उक्त विशेष परिस्थिति का समाधान हो जाता है, एकल योजना का अंत हो जाता है। एक बार उपयोग करने के पश्चात इन योजनाओं का कोई महत्व नहीं रहता और विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार इन्हें बार-बार बनाया जाता है।