भारार्पण(Delegation) क्या होता है ?

भारार्पण (Delegation) से आशय कार्य-भार के सौंपे जाने से है।

एकाकी व्यक्ति केवल एक मानव-शक्ति का निर्माण करता है।

जहाँ पर किसी व्यक्ति का कार्य-भार उसकी क्षमता से बाहर बढ़ जाता है तो वह अन्य व्यक्तियों को अपने अतिरिक्त कार्य-भार्य सौंप देता है।

और इसे ही भारार्पण अथवा प्रत्यायुक्ति कहते हैं।

भारार्पण एक साधन है जिसके माध्यम से एक उच्च अधिकारी दूसरे अधीनस्थ अधिकारीयों के साथ अपने प्रबंधकीय दायित्व में हिस्सा बंटाता है।

जिस प्रकार अधिकार प्रबंध के कार्य की कुंजी है, उसी प्रकार भारार्पण संगठन की कुंजी है।

कुछ प्रमुख विद्वानों द्वारा भारार्पण की दी गई परिभाषाएँ

प्रो थियो हैमन के अनुसार , भारार्पण का आशय केवल अधीनस्थों को निर्दिष्ट सीमाओं के अंतगर्त कार्य करने का अधिकार प्रदान किये जाने से है।


ई. एफ. एल ब्रेच के अनुसार , संक्षेप में भारार्पण का आशय है प्रबंध प्रक्रिया के चार तत्वों में से प्रत्येक का एक अंश दूसरों को हस्तांतरित करता है।


एफ जी. मुरे के अनुसार , भारार्पण से अभिप्राय है दूसरे लोगों को कार्य सौंपना तथा उसे करने हेतु अधिकार प्रदान करना।


भारार्पण के लक्षण अथवा विशेषताएँ निम्नलिखित है :-


  • भारार्पण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा कुल भार का भाग व्यक्ति अथवा कुछ व्यक्तियों को सौंपा जाता है।

  • भारार्पण ऊपर से नीचे की ओर होता है।

  • भारार्पण का आशय विकरणद्रीकरण कदापि नहीं होता है।

  • भारार्पण एक से अधिक प्रकार का होता है।

  • भारार्पण असहयोग न होकर सहयोग प्राप्त करने की प्रक्रिया है।

भारार्पण संगठन के कार्य का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह सदस्यों के मध्य अधिकारों का समन्वय स्थापित करता है तथा कार्य का निष्पादन सम्भव बनाता है।


भारार्पण के प्रमुख लाभ अथवा आवश्यकता अथवा महत्व निम्नलिखित है :-

  • भारार्पण के माध्यम से एक प्रशासनिक अधिकारी ऐसे कार्यों से मुक्त हो जाता है छोटी किस्म के हैं।

  • भारार्पण अधीनस्थों को इस बात का सुअवसर प्रदान करता हैं कि वे अपने पदों का क्षेत्र समझने की शक्ति तथा क्षमता का विकास करें।

  • भारार्पण प्रभावी संगठन की आधारशिला है।

  • भारार्पण के होने से निर्णयन का कार्य निम्न-स्तर तक सम्पन्न होता है।

  • भारार्पण अधीनस्थों को प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करता है।

  • भारार्पण अभिप्रेरणा का साधन है।