प्रबंध में अधिकार का क्या मतलब होता है ?

अधिकार दूसरों को आदेश देने की शक्ति है। यह उपक्रम अथवा विभागीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, शक्ति प्राप्तकर्ता के निर्देशानुसार कार्य करने अथवा न करने का आदेश है।

दूसरे शब्दों में हम ऐसे भी कह सकते हैं कि अधिकार से आशय किसी व्यक्ति को प्राप्त उस वैधानिक शक्ति से है जिसके आधार पर वह दूसरों को कार्य के निष्पादन के संबंध में आदेश देता है तथा उनसे कार्य लेता है।

इस तरह संगठन के अंतर्गत उद्देश्यों एवं लक्षयों को प्राप्त करने के लिए संगठन के अंतर्गत कार्य करने की गतिविधियां का मार्गदशन करने तथा उससे कार्य लेने के लिए आदेश देने हेतु जो प्राप्त शक्ति रहती है व्ही अधिकार के नाम से जाना जाता है।


प्रसिद्ध विद्वान थियो हैमन के अनुसार :- अधिकार वह उचित कानूनी शक्ति है जिसे धारण करने वाला व्यक्ति अधीनस्थ व्यक्ति से कुछ करने अथवा करने से विरत रहने के लिए कह सकता है और यदि वह इन निर्देशों का अनुसरण न करे तो प्रबंधक इस स्थिति में होता है कि आवश्यकता होने पर अनुशासन की कार्यवाही कर सके।


अधिकार की प्रमुख लक्षण निम्नलिखित है :-

  • अधिकारों का भारार्पण किया जा सकता है।
  • अधिकार सदैव उच्च अधिकारी से संबंधित होते हैं।
  • अधिकार अन्य लोगों से काम कराने की शक्ति।
  • अधिकारों का परवाह ऊपर से नीचे की ओर होता है।