नियुक्तिकरण का महत्व क्या है ?

नियुक्तिकरण प्रबंध का एक महत्वपूर्ण कार्य एवं उत्तरदायित्व है जो संस्था के कार्य संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में प्रबंधकीय कर्मचारियों एवं अन्य कर्मचारियों को उपलब्ध करने, उनके विकास करने तथा उनकों संस्था में बनाए रखने से संबंधित है।

नियुक्तिकरण की महत्व और आवश्यकता निम्नलिखित है :-

  • उत्पादन के समस्त संसाधनों में केवल मानव संसाधन है तथा शेष सभी निष्क्रिय संसाधन हैं। इन समस्त निष्क्रिय संसाधनों का अधिकतम एवं कुशलतम उपयोग करने के लिए कुशल नियुक्तिकरण की आवश्यकता होती है। इससे शर्म लागत में पर्याप्त कमी होती है।

  • प्रबंध के अन्य कार्यों जैसे - नियोजन, संगठन, निर्देशन तथा नियंत्रण आदि का प्रभावी एवं कुशल निष्पादन करने के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होती है। इनकी उपलब्धि नियुक्तिकरण द्वारा की जाती है। इस प्रकार नियुक्तिकरण अन्य सभी प्रबंधकीय कार्यों की कुंजी है।

  • उत्पादन तथा उत्पादकता दोनों में वृद्धि के लिए यह परम् आवश्यक है कि उपयुक्त एवं कुशल कर्मचारी को नियुक्त किया जाय और सही व्यक्ति को सही कृत्य पर लगाया जाय ताकि उसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग किया जा सके।

  • प्रभावी नियुक्तिकरण योग्य, सक्षम, अनुभवी कर्मचारियों की खोज में सहायता प्रदान करता है जो कि किसी उपक्रम की वास्तविक निधि है।

  • नियुक्तिकरण में सही व्यक्ति की उसकी रूचि, कुशलता एवं क्षमता के अनुसार सही कृत्य पर नियुक्ति की जाती है।

  • व्यावसायिक उपक्रम समस्याओं का घर है। आए दिन कोई न कोई समस्या उठ खड़ी होती है। कभी श्रम समस्या, कभी उत्पाद समस्या, कभी विपणन समस्या तो कभी वित्त समस्या तो कभी अनुसन्धान एवं विकास की समस्या। इन सभी समस्याओं का समाधान योग्य एवं सक्षम नियुक्तिकरण में निहित है।