किसी भी कंपनी की अचल संपत्ति जैसे कि प्लांट, मशीन बिल्डिंग इत्यादि को एक निश्चित वर्किंग लाइफ होती है।
प्रतिवर्ष इस आयु में कमी होती है तथा बची हुईं आयु (रेजिडूएल लाइफ) के अनुसार उसकी कीमत का पुनर्मूल्यांकन किया जाता है। इस प्रक्रिया को 'डेप्रिसिएशन ' कहते हैं। सरल शब्दों में, किसी संपत्ति की आयु 20 वर्ष है तो प्रतिवर्ष उसकी कीमत में 5 प्रतिशत की कटौती करके डेप्रिसिएशन किया जाता है।
डेप्रिसिएशन (Depression), संपत्ति की लागत को आवंटित करने की एक लेखा विधि है। डेप्रिसिएशन दर्शाता है कि किसी परिसंपत्ति के मूल्य का कितना उपयोग किया गया है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह मुनाफे को प्रभावित कर सकता है। व्यवसाय कर और लेखांकन दोनों उद्देश्यों के लिए दीर्घकालिक परिसंपत्तियों का मूल्यह्रास कर सकते हैं।