ये फंड (कोष) निवेश कंपनियों तथा बैंकों द्वारा चलाए जाते हैं। ये म्यूचुअल फंड निवेशकों के धन को विभिन्न प्रकार की सिक्यूरिटी जैसे कि शेयर, डिबेंचर, बांड इत्यादि में निवेश करते हैं। ऐसे फंड में निवेश का समय एक निश्चित अवधि अथवा ओपन एंडेड (निबंध) हो सकता है।
म्यूचुअल फंड के निवेशकों को यह सुविधा होती है कि शेयर बाजार की जटिल तकनीकी जानकारियों से अवगत हुए बिना वे इसमें निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेशक से जुड़े खतरे की कमी के साथ आकर्षक डिविडेंड तथा संतोषजनक रिटर्न मिलता है। म्यूचुअल फंड के प्रबंधक निवेशकों के धन को विभिन्न प्रकार की सिक्यूरिटीज तथा विभिन्न प्रकार की कंपनियों में लगाते हैं, जिससे निवेश से जुड़ा खतरा कम हो जाता है। निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में सीधे निवेश की तुलना में म्यूचुअल फंड की मार्फत निवेश में जोखिम कम होता है।
नेट असेट वैल्यू (N.A.V.) क्या होती है ?
किसी भी म्यूचुअल फंड द्वारा निवेश की गई पूँजी की सिक्यूरिटीज की बाजार कीमत में से सारी देनदारी निकालने के पश्चात् प्रति सिक्यूरिटी जो मूल्य आता है, वह उस म्यूचुअल फंड की 'नेट असेट वैल्यू' कहलाता है। सिक्यूरिटीज की बाजार कीमतों में बदलाव आने पर नेट असेट वैल्यू में भी परिवर्तन आता है। ‘एन.ए.वी.' में वृद्धि निवेशकों के लाभ को दरशाती है तथा म्यूचुअल फंड प्रबंधकों की क्षमता का प्रदर्शन भी इससे परिलक्षित होता है।