सक्रिय बाजार, नर्वस मार्केट और सक्रिय शेयर क्या है ?

सक्रिय बाजार (एक्टिव मार्केट)

जब सेकंडरी मार्केट में शेयरों की या कुछ विशेष शेयरों की ट्रेडिंग बड़ी मात्रा में बहुत कम समय में की जाती है तो इस स्थिति को सक्रिय बाजार' या 'एक्टिव मार्केट' कहा जाता है। इस बाजार में शेयरों की खरीद कीमत व बिक्री कीमत में काफी कम अंतर होता है। ऐसी स्थिति में वित्तीय संस्थानों द्वारा खरीदारी अथवा बिक्री बाजार-स्थिति पर विशेष प्रभाव नहीं डालती।

सक्रिय शेयर (एक्टिव शेयर)

वे शेयर जिनकी ट्रेडिंग प्रतिदिन तथा निरंतर होती है, 'सक्रिय शेयर' या 'एक्टिव शेयर' कहलाते हैं। प्रमुख कंपनियों के शेयर, जो आर्थिक तथा राजनीतिक घटनाओं के प्रति संवेदनशील होते हैं, इस श्रेणी में आते हैं। इसके विपरीत कई शेयर ऐसे होते हैं, जो स्टॉक एक्सचेंज में कभी-कभार ही खरीदे और बेचे जाते हैं। इनको खरीदार तथा बिक्रीकर्ता ढूँढ़ना सामान्यतः मुश्किल होता है। ये 'निष्क्रिय शेयर' या 'इनएक्टिव शेयर' कहलाते हैं। इनकी खरीद व बिक्री दरों में भी काफी अंतर होता है।

नर्वस मार्केट

जब शेयर बाजार में आर्थिक तथा राजनीतिक घटनाक्रम के चलते अस्थायी मंदी के दौर, अकाल, सरकारी नीति में बदलाव के चलते अनिश्चय का वातावरण छा जाता है तो इसे 'नर्वस मार्केट' द्वारा परिभाषित किया जाता है। ऐसी स्थिति में अमूमन शेयरों की कीमत में कुछ गिरावट आती है और खरीदार बाजार से बेरुखी दिखाते हैं।

आधारभूत विश्लेषक (फंडामेंटल एनालिस्ट)

आधारभूत विश्लेषक' अथवा 'फंडामेंटल विश्लेषक' बाजार तथा क्षेत्र-विशेष के विशेषज्ञ होते हैं, जो किसी भी सिक्यूरिटी की कीमत के आकलन में फंडामेंटल तथा वैज्ञानिक नजरिया रखते हैं। किसी भी सिक्यूरिटीज की फंडामेंटल कीमत आँकने में इनकी सलाह ली जाती है।