वह प्रपत्र जिसपर एक निश्चित राशि चुकाये जाने का आदेश होता है उसे विनिमय विपत्र कहा जाता है ।
एक व्यक्ति के द्वारा लिखा गया तथा दूसरे व्यक्ति के द्वारा स्वीकार किया गया वह प्रपत्र जिस पर एक निश्चित राशि चुकाये जाने का आदेश होता है । उसे विनिमय विपत्र कहा जाता है ।
कोई व्यक्ति जब किसी दूसरे व्यक्ति के हाथ उधार वस्तु बेचता है तो बेचने वाला का रुपया खरीदने वाले के यहाँ वाकी रह जाता है । वकाया राशि सही समय से वसूल हो सके इसके लिए बेचने वाला व्यक्ति एक प्रपत्र तैयार करता है जिसपर वकया राशि चुकाने का आदेश दिया जाता है । खरीदने वाले व्यक्ति (ऋणी) से उस पर हस्ताक्षर करा लिया जाता है । यही हस्ताक्षर युक्त प्रपत्र विनिमय विपत्र के नाम से जाना जाता है ।
इस प्रकार विनिमय-पत्र एक लिखित शर्तरहित आदेश-पत्र है। जिसके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को उसे उसके द्वारा निर्देशित किसी व्यक्ति को एक निश्चित अवधि के पश्चात एक निश्चित भुगतान करने का आदेश देता है।
आधुनिक युग साख का युग माना जाता हैं क्योंकि लाखों रुपए की वस्तुएं साख पर क्रय-विक्रय हुआ करती हैं। व्यवसाय बड़ी राशि का नकद भुगतान तुरंत देना या पाना कठिन होता है। साख-पत्रों ने भुगतान संबंधी इसी कठिनाई को दूर कर दिया है। इन साख-पत्रों में विनिमय-विपत्र के नाम भी उल्लेखनीय हैं।
Bills Of Exchange लेनदार द्वारा लिखा जाता है और यह शर्त रहित प्रलेख है और इसमें भुगतान का आदेश होता है।