किसी देश के द्वारा अपनी वास्तविक आय को बढ़ाने के लिए सभी उत्पादक साधनों का कुशलतम प्रयोग आर्थिक विकास कहलाता है।
यह एक लगातार या निरंतर चलने वाली प्रक्रिया कारण साधनों की पूर्ति एवं वस्तु संबंधी मांग समय-समय पर बदलती रहती है।
आर्थिक विकास में सामन्य जनता के जीवन-स्तर में सुधार होता है तथा सरकार द्वारा कल्याणकारी कार्यों में वृद्धि की जाती है।
आर्थिक विकास से वास्तविक राष्ट्रीय व प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है।
आर्थिक विकास में वृद्धि आकस्मिक न होकर दीर्घकालीन होनी चाहिए।